सà¥à¤µà¤¿à¤šà¤¾à¤°:- “रहे à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¤¸à¥€ मेरी सरल सतà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करूà¤, जहाठतक हो इस जीवन में औरों का उपकार करूà¤à¥¤”
सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤®, 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी' वेब पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ की ओर से आप सà¤à¥€ पाठकगण को नूतन वरà¥à¤· की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤à¥¤ नया वरà¥à¤·, नवीन सोच व जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ ....
इस अंक में ...