à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ के रूप में आज मैं जहाठपदसà¥à¤¥ हूà¤, वह छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ राजà¥à¤¯ का à¤à¤• छोटा-सा गाà¤à¤µ है। शà¥à¤°à¥‚ से ही ‘गाà¤à¤µ’ शबà¥à¤¦ से मà¥à¤à¥‡ विशेष पà¥à¤°à¥‡à¤® रहा, कारण हो सकता है कि मà¥à¤à¥‡ कà¤à¥€ गाà¤à¤µ के वातावरण में रहने का मौका नहीं मिला था। गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ....
इस अंक में ...