कà¥à¤› तो है कहीं, ये जो थोड़ा पà¥à¤¯à¤¾à¤°-सा है
नशा है तेरा, चाहत या इक ख़à¥à¤®à¤¾à¤°-सा है
मिला करता है मचलकर रोज ही तू मà¥à¤à¤¸à¥‡
रहता बेवक़à¥à¤¤ फिर à¤à¥€ तेरा इंतज़ार-सा है
न बीता कोई à¤à¥€ लमà¥à¤¹à¤¾ इस तरह पहले
जिस तरह दिल अब मेरा बेक़रार-सा है
महसूसा तà¥à¤à¥‡ मà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ ही कहीं हर मरà¥à¤¤à¤¬à¤¾
बहता मेरी रग-रग में तेरा दीदार-सा है
छू गयी आकर कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ये दसà¥à¤¤à¤• तेरी
इन साà¤à¤¸à¥‹à¤‚ में ही इस जीसà¥à¤¤ का दरबार-सा है
तू ही सà¥à¤•à¥‚न, है ख़à¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶, चैनो-अमन मेरा
मेरी हर नबà¥à¤œà¤¼ को समà¤à¤¤à¤¾, चारागार-सा है