à¤à¤• जंगल में बाà¤à¤¸ का पेड़ और à¤à¤• जामà¥à¤¨ का पेड़ पास-पास थे। जामà¥à¤¨ का पेड़ बाà¤à¤¸ के पेड़ की अपेकà¥à¤·à¤¾ बहà¥à¤¤ मजबूत था। बाà¤à¤¸ का पेड़ बहà¥à¤¤ पतला होने के साथ-साथ बहà¥à¤¤ लचीला à¤à¥€ था। हवा का रà¥à¤– जिस ओर होता बाà¤à¤¸ का पेड़ उसी दिशा में à¤à¥à¤• जाता था।
à¤à¤• बार जामà¥à¤¨ के पेड़ ने बाà¤à¤¸ के पेड़ का उपहास करते हà¥à¤ कहा―‛तà¥à¤® तो हवा की आजà¥à¤žà¤¾ का हमेशा ही पालन करते हो। हवा की गति और दिशा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ही हमेशा हिलते-डà¥à¤²à¤¤à¥‡ हो। मेरी तरह शान से सीधे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं खड़े होत? तà¥à¤® à¤à¥€ हवा से कह दो कि उसकी आजà¥à¤žà¤¾ का पालन नहीं कर सकते। तà¥à¤® अपनी शकà¥à¤¤à¤¿ का परिचय हवा को दो। इस संसार में बलवानों का ही चारों ओर बोलबाला है।’
बाà¤à¤¸ के पेड़ को जामà¥à¤¨ के पेड़ की बातें अचà¥à¤›à¥€ नहीं लगीं लेकिन बाà¤à¤¸ का पेड़ कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं बोला और चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª खड़ा रहा। यह देखकर जामà¥à¤¨ का पेड़ कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¿à¤¤à¤¹à¥‹à¤•à¤° बोला―‘तà¥à¤® मेरी बात का उतà¥à¤¤à¤° कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं देते?’
बाà¤à¤¸ के पेड़ ने कहा―‘तà¥à¤® मेरी अपेकà¥à¤·à¤¾ मजबूत हो। मैं बहà¥à¤¤ कमजोर हूà¤à¥¤ लेकिन मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ à¤à¤• सलाह देता हूठकि तेज हवा तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ लिठà¤à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¥‡à¤¹ सिदà¥à¤§ हो सकती है। यदि हवा की गति तेज हो तो हमें उसका समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤ वरना कà¤à¥€-कà¤à¥€ पछताना पड़ सकता है।’
जामà¥à¤¨ के पेड़ को अपनी शकà¥à¤¤à¤¿ पर बहà¥à¤¤ घमंड था। वह बाà¤à¤¸ के पेड़ से कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ होकर बोला―‘तेज हवा à¤à¥€ मेरा कà¥à¤› नहीं बिगाड़ सकती। मेरी इस बात को हमेशा याद रखना।’
धीरे-धीरे चलती हà¥à¤ˆ हवा ने बाà¤à¤¸ के पेड़ और जामà¥à¤¨ के पेड़ के बीच होने वाली सà¤à¥€ बातों को सà¥à¤¨ लिया। हवा तेज गति से जामà¥à¤¨ के पेड़ से टकराकर आगे निकल गई। थोड़ी देर बाद हवा ने अपने अनà¥à¤¦à¤° कà¥à¤› शकà¥à¤¤à¤¿ और समेटी और अपने को और à¤à¥€ गतिशील बना लिया। अब हवा à¤à¤• तूफान के रूप में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो गई। उस तेज हवा के टकराने से बाà¤à¤¸ का पेड़ लगà¤à¤— पूरा à¤à¥à¤• गया। वही हवा अब जामà¥à¤¨ के पेड़ से दोबारा जाकर टकरा गई लेकिन जामà¥à¤¨ के पेड़ पर उस तेज हवा का कोई à¤à¥€ असर नहीं हà¥à¤†à¥¤ वह उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पूरà¥à¤µà¤µà¤¤à¥ खड़ा रहा।
कà¥à¤› देर बाद तूफानी हवा ने जामà¥à¤¨ के पेड़ कीजड़ों पर जोर से पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° करके उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कमजोर कर दिया। तूफानी हवाओं को जामà¥à¤¨ के पेड़ की शाखाओं ने रोकने की à¤à¤°à¤ªà¥‚र कोशिश की, लेकिन तेज हवाओं ने जामà¥à¤¨ के पेड़ की शाखाओं को पीछे धकेल दिया। तेज हवाओं के कारण जामà¥à¤¨ के पेड़ का संतà¥à¤²à¤¨ खो गया और जड़ों ने कमजोर होकर अपना सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ छोड़ दिया। कà¥à¤› ही देर में वह जामà¥à¤¨ का पेड़ जमीन पर गिर पड़ा।
जामà¥à¤¨ के पेड़ को धराशायी देखकर बाà¤à¤¸ का पेड़ बहà¥à¤¤ दà¥à¤ƒà¤–ी हà¥à¤†à¥¤ बाà¤à¤¸ का पेड़ सोचने लगा―‘यदि जामà¥à¤¨ के पेड़ ने मेरी बात मानकर हवा का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ किया होता तो आज उसका अंत नहीं होता। यह जामà¥à¤¨ का पेड़ तो घमंडी था। शायद इसे नहीं मालूम था कि घमंडी का सिर हमेशा नीचा ही होता है।’
शिकà¥à¤·à¤¾â€• इस कहानी से हमें यह शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती है कि घमंड ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ का सबसे बड़ा शतà¥à¤°à¥ है। घमंडी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सरà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¶ हो जाता है। इसलिठमनà¥à¤·à¥à¤¯ को कà¤à¥€ घमंड नहीं करना चाहिà¤à¥¤
साà¤à¤¾à¤°â€•“कहावतों की कहानियाऔ