कहावतों की कहानी
जब कोई नीतिपूरà¥à¤£ बात या जीवन की सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करने वाली बात आम पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हो जाती है, तब वह कहावत कहलाती है। कहावत को लोकोकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ कहते हैं। लोकोकà¥à¤¤à¤¿ का शाबà¥à¤¦à¤¿à¤• अरà¥à¤¥ है-
लोक+ उकà¥à¤¤à¤¿ = संसार का कथन या दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में हम कह सकते हैं लोक पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ उकà¥à¤¤à¤¿
लोक-साहितà¥à¤¯ में कहावतों का विशेष महतà¥à¤¤à¥à¤µ है। कहावतों से समà¥à¤¬à¤‚धित अनेकों कहानियाठà¤à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हैं, जिनका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ कà¤à¥€ नहीं बदलता। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ में हमने कहावतों पर आधारित कहानियों को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है। इसके पीछे हमारा उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पाठकों को कहावतों को à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¤‚ति समठकर उसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करवाना है। इस सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ को तैयार करने में हमें अनेक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का सहयोग लेना पड़ा,इस के लिठमैं उनका आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करना चाहती हूà¤à¥¤ अंततः मैं बस यही कहना चाहूà¤à¤—ी कि ये सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पाठक वरà¥à¤— के लिठशिकà¥à¤·à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¦ व उपयोगी सिदà¥à¤§ होगी।
[ अगसà¥à¤¤ 2018 | मोहमà¥à¤®à¤¦ इमरान खान द्वारा लिखित ]à¤à¤• आदमी नदी में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करते-करते गहरे उतर गया। वह तैरना नहीं जानता था, अत: पानी में डूबने लगा। चिलà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾, ‘‘अरे, मà¥à¤à¥‡ निकालो, नहीं तो जग डूबा।’’ पà¥à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤•à¤° .....
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[ जून-जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2015 संयà¥à¤•à¥à¤¤ अंक | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ] तेनालीराम विजयनगर के महाराज कृषà¥à¤£à¤¦à¥‡à¤µ राय के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– दरबारियों में से à¤à¤• थे। वे बहà¥à¤¤ ही विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ थे। à¤à¤• दिन किसी कारà¥à¤¯ से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शाम को घर लौटने में .....
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[ मई 2015 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ] बकà¥à¤¸à¤° के मैदान में à¤à¤• बार हà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‚ठऔर शेरशाह सूरी का घमासान यà¥à¤¦à¥à¤§ चल रहा था। यà¥à¤¦à¥à¤§ में हà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‚ठबà¥à¤°à¥€ तरह हार गया और उसे शेरशाह सूरी की सेना ने तीनों .....
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[ अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2015 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ] किसी जंगल में चार चोर रहते थे। वे चारों मिलकर चोरी करते और जो à¤à¥€ सामान उनके हाथ लगता उसे आपस में बराबर-बराबर बाà¤à¤Ÿ लेते थे। वैसे तो वे चारों .....
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[ मारà¥à¤š 2015 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]शहंशाह बहà¥à¤¤ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯ शासक थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने महल के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤° पर à¤à¤• घंटा लगवा दिया था। जिसको à¤à¥€ शिकायत हो वह उस घंटे को बजा सकता था ताकि शहंशाह आवाज .....
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[ फरवरी 2015 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]à¤à¤• बादशाह के महल की चहारदीवारी के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• वजीर और à¤à¤• कारिंदा रहता था। वजीर और कारिंदे के पà¥à¤¤à¥à¤° में गहरी दोसà¥à¤¤à¥€ थी। हम उमà¥à¤° होने के कारण दोनों à¤à¤• साथ .....
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[ जनवरी 2015 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]à¤à¤• गाà¤à¤µ में सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• बार हाट लगती थी। दाल, सबà¥à¤œà¥€, अनाज, कपड़े यानि घर-गृहसà¥à¤¥à¥€ का सारा सामान उस हाट में मिल जाता था। आस-पास के गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ से à¤à¥€ .....
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[ दिसमà¥à¤¬à¤° 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]अकबर के दरबारियों में बीरबल का नाम सबसे पहले लिया जाता है। अकबर-बीरबल का बहà¥à¤¤ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मितà¥à¤° के समान ही समà¤à¤¤à¥‡ थे। दोनों में इतना पà¥à¤°à¥‡à¤® .....
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[ नवमà¥à¤¬à¤° 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]किसी गाà¤à¤µ में à¤à¤• पति-पतà¥à¤¨à¥€ बड़े पà¥à¤°à¥‡à¤® से रहते थे। दोनों को à¤à¤•-दूसरे पर पूरा-पूरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ था। पतà¥à¤¨à¥€ के पà¥à¤°à¥‡à¤® के कारण पति अपने घरवालों से अलग .....
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[ अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ] इस संसार में राजा हरिशà¥à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° का नाम कौन नहीं जानता। वे बहà¥à¤¤ ही उदार हृदय और दयालॠथे। वे अपने जीवन से अधिक सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ और ईमानदारी को महतà¥à¤¤à¥à¤µ देते थे। .....
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[ सितमà¥à¤¬à¤° 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]à¤à¤• जंगल में बाà¤à¤¸ का पेड़ और à¤à¤• जामà¥à¤¨ का पेड़ पास-पास थे। जामà¥à¤¨ का पेड़ बाà¤à¤¸ के पेड़ की अपेकà¥à¤·à¤¾ बहà¥à¤¤ मजबूत था। बाà¤à¤¸ का पेड़ बहà¥à¤¤ पतला होने के साथ-साथ बहà¥à¤¤ लचीला à¤à¥€ .....
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[ अगसà¥à¤¤ 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़े घर में सैकड़ों चूहे रहते थे। वे चारों ओर उछल-कूद करते हà¥à¤ अपना पेट आराम से à¤à¤° लेते थे और फिर जब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खतरा दिखाई देता तो बिल में .....
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[ जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]लोमड़ी के कारनामों से à¤à¤°à¤ªà¥‚र हमने अनेक कहानियाठपà¥à¥€ हैं। लोमड़ी हमेशा कà¥à¤›- न - कà¥à¤› बà¥à¤°à¤¾ ही करने की सोचती है। à¤à¤• बार लोमड़ी ने सारस को अपने घर .....
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[ जून 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ] à¤à¤•à¤²à¤µà¥à¤¯ à¤à¤• नीची जाति का बालक था। वह अपने माता-पिता के साथ जंगल में रहता था। वह पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ चारे की खोज में अपने पिता के साथ जंगल में जाता था। à¤à¤•à¤²à¤µà¥à¤¯ के पिता .....
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[ मई 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ] à¤à¤• बà¥à¥à¤¿à¤¯à¤¾ थी। उसका à¤à¤• ही बेटा था। वह हमेशा यही सपने देखती थी कि उसके बेटे का विवाह होगा तो बेटा और बहू दोनों मिलकर उसकी बहà¥à¤¤ सेवा .....
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[ अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2014 | मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° सैनी द्वारा लिखित ]
à¤à¤• बार अपनी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं पर विचार करने के लिठबहà¥à¤¤ सारे खरगोश à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर इकटà¥à¤ ा हà¥à¤à¥¤ à¤à¤• खरगोश ने कहा-'हम सà¤à¥€ जीवों से अधिक सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° हैं। हमें .....
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