ये कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है?
मेरे इस सोने की चिडि़या के देश में।
कà¥à¤¯à¥‚ं हो रही है सैंध इन ऋशियों के वेश में,
कà¥à¤¯à¤¾ ये सà¤à¥à¤¯ मनà¥à¤œ कहलाने का जतà¥à¤¨ है,
या अपने पापों को छिपाने का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ हैं,
कà¥à¤¯à¥‚ं लजà¥à¤œà¤¿à¤¤ कर रहे हो हिनà¥à¤¦ को इस वेश में,
ये कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है? मेरे इस सोने की चिडि़या के देश में।
या कहीं à¤à¤¸à¤¾ तो नहीं हो कि- तà¥à¤® उब गये हो पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पोशाकों से,
या फिर उब गये हो जेल की सलाखों से।
या फिर ऋशियों का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हरने आये हो इस वेश में, ये कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है?
मेरे इस सोने की चिडि़या के देश में।
अगर तॠहिनà¥à¤¦ का वासी है तो- कà¥à¤¯à¤¾ इस वसà¥à¤§à¤¾ का तà¥à¤à¤ªà¥‡ कोई उपकार नहीं,
कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤à¥‡ अपनी माता से à¤à¥€ कोई सरोकार नहीं,
फिर कà¥à¤¯à¥‚ं अराजकता फैला रहे हो इस देश में, ये कà¥à¤¯à¤¾ हो रहा है?
मेरे इस सोने की चिडि़या के देश में